#समाज_में_ट्रांसजेंडर_समुदाय_से_संबंधित_मुद्देकई अध्ययनों से पता चला है कि ट्रांसजेंडर लोगों के बीच बाल यौन शोषण, यौन हिंसा, कार्यस्थल पर हिंसा और घृणा जैसे अपराधों सहित शारीरिक और मौखिक हिंसा की दर काफी अधिक है।
ट्रांसजेंडर समुदाय की विभिन्न सामाजिक समस्याएँ जैसे- बहिष्कार, बेरोज़गारी, शैक्षिक तथा चिकित्सा सुविधाओं की कमी, शादी व बच्चा गोद लेने की समस्या आदि।
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को मताधिकार 1994 में ही मिल गया था, परंतु उन्हें मतदाता पहचान-पत्र जारी करने का कार्य पुरुष और महिला के प्रश्न पर उलझ गया।
इन्हें संपत्ति का अधिकार और बच्चा गोद लेने जैसे कुछ कानूनी अधिकार भी नहीं दिये जाते हैं।
इन्हें समाज द्वारा अक्सर परित्यक्त कर दिया जाता है, जिससे ये मानव तस्करी का आसानी से शिकार बन जाते हैं। साथ ही अस्पतालों और थानों में भी इनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया जाता है।
भारत में आज भी ट्रांसजेंडर होना एक सामाजिक बीमारी समझी जाती है और उन्हें सामाजिक तौर पर बहिष्कृत कर दिया जाता है। इसका मुख्य कारण है कि इन्हें न तो पुरुषों की श्रेणी में रखा जा सकता है और न ही महिलाओं की, जो लैंगिक आधार पर विभाजन की पुरातन व्यवस्था का अंग है।इसका नतीज़ा यह होता है कि ये शिक्षा हासिल नहीं कर पाते हैं और बेरोज़गार ही रहते हैं। ये सामान्य लोगों के लिये उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं का लाभ तक नहीं उठा पाते हैं।#transgenderawareness#transgenderdayofvisibility#transgenderhealth#transgenderrightsarehumanrights#transgenderlivesmatter#transgenderrights
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25
Sep